Tuesday, June 14, 2011

आवरण ....

मुस्कराहट  भी  एक  आवरण  है
जो मैंने अपने जख्मों पर डाल रखा है ,
अगर मैं नहीं मुस्कुराऊँगा
तो लोग मुझ पर मुस्कुराएंगे ,
जिसे सहना ज्यादा कठिन है ,
वरन अपने जख्मो को सहने से |


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muskurahat bhi ek avran hai
jo maine apne jakhmon par daal rakha hai ,
agar main nahin muskuraoonga
to log mujh par muskurayenge,
jise sahna jyada kathin hai,
varn apne jakhmon ko sahne se |

Monday, June 6, 2011

आज फिर शीशे ने....

आज फिर शीशे ने पत्थर से दोस्ती की है ,
तमाम  दुनिया 
की  बंदिशों  की  अनदेखी  की  है |
    अब  सवाल  ये  है  कि
  क्या  पत्थर  निभाएगा  दोस्ती ,
    या  अपनी  फितरत के  मुताबिक  मिटाएगा शीशे की हस्ती ||