यूं तो कुछ ऐसा नहीं है मेरे बारे में जो किसी को बताने जैसा हो , हाँ मेरे मित्र कहते हैं की मैं अति भावुक व्यक्ति हूँ और यही भावुकता मेरी सबसे बड़ी मजबूती है और कमजोरी भी |
हाँ एक बात और की मैं कोई रचनाकार या लेखक नहीं हूँ बस कुछ मन का गुबार होता है जो लेखनी के जरिये प्रकट कर लेता हूँ अब ये कविता , शायरी के व्याकरण की कसौटी पे खरी उतरती है या नहीं मैं नहीं जानता पर इतना है की लिखने के बाद मन मैं संतोष होता है जो मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है |
बाकी तो जैसा जो कुछ लिखता हूँ या जो लिखा है उसके बारे मैं आप सब की राय ही अंतिम और महत्तवपूर्ण है |
-- साभार
धीरेन्द्र त्रिपाठी
हाँ एक बात और की मैं कोई रचनाकार या लेखक नहीं हूँ बस कुछ मन का गुबार होता है जो लेखनी के जरिये प्रकट कर लेता हूँ अब ये कविता , शायरी के व्याकरण की कसौटी पे खरी उतरती है या नहीं मैं नहीं जानता पर इतना है की लिखने के बाद मन मैं संतोष होता है जो मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है |
बाकी तो जैसा जो कुछ लिखता हूँ या जो लिखा है उसके बारे मैं आप सब की राय ही अंतिम और महत्तवपूर्ण है |
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धीरेन्द्र त्रिपाठी